विधि की संकल्पना

 


विधि/कानून (Law):-


कानून किसी नियम संहिता को कहते हैं। विधि प्राय: भली-भांति लिखे हुए संसूचकों (Instructions) के रूप में होती है। समाज को सम्यक ढंग से चलाने के लिए विधि अत्यंत आवश्यक है।


विधि मनुष्य के आचरण के वे सामान्य नियम होते हैं, जो राज्य द्वारा स्वीकृत तथा लागू किए जाते हैं, जिनका पालन अनिवार्य होता है, पालन ना करने पर न्यायपालिका दंड देती है। कानून प्रणाली कई तरह के अधिकारों और जिम्मेदारियों को विस्तार से बताती है।


विधि का उद्देश्य समाज के आचरण को नियमित करना है। अधिकार एवं दायित्व के लिए स्पष्ट व्याख्या करना भी है, साथ ही समाज में हो रहे अनैतिक कार्य या लोकनीति के विरुद्ध होने वाले कार्यों को अपराध घोषित करके अपराधियों में भय पैदा करना भी अपराध विधि का उद्देश्य है।


  •  जॉन ऑस्टिन (महान विधिवेत्ता) के अनुसार-

                  " कानून संप्रभु की आज्ञा हैं " ।


  • " राज्य द्वारा स्वीकृत नियम विधि कहलाती हैं "

          (Rules Recognized by State- Law)


" विधि " शब्द अंग्रेजी - "Law" का हिंदी रूपांतरण हैं

                                  |

                               Lag (जर्मन शब्द)

                                  |

                             स्थिर या निश्चित


(ऐसा नियम जो सभी परिस्थितियों में या सभी स्थानों पर एक समान रूप से लागू हो और जो सामान्यतः स्थायी रहे, विधि कहलाती है। )



    ◆ अच्छे कानून के गुण (Property of Law):-


  • सरलता (Simplicity)

  • स्पष्टता ( Clarity)

  • स्थायित्व (Permanence)

  • व्याकपता (Comprehensiveness)

  • व्यवहारिकता ( Practicability) 

  • निष्पक्षता (Impartiality)

  • नागरिक अधिकारों की रक्षा 

  • सामाजिक कल्याण में सहायक


कानून के स्रोत (Sources of Laws):-


  • लोकाचार तथा प्रथाएं- स्वतः विकसित

  • धर्म- धार्मिक नियम एवं मत

  • व्यवस्थापिका- कानून निर्मात्री सभा

  • न्यायिक निर्णय- दृष्टांत तथा नाजिर

  • कानूनी टिकाएं या निर्धारण

  • वैज्ञानिक विधिक बहस

  • औचित्य- उचित/अनुचित का प्रश्न


― इस प्रकार विधि के कई स्रोत हैं लेकिन वर्तमान में विधि/कानून निर्माण का कार्य विभिन्न राज्यों की व्यवस्थापिका द्वारा किया जा रहा है तथा इसकी व्याख्या का कार्य न्यायपालिका का दायित्व है।


विधि के उद्देश्य (Purpose of Law):-


  • मानक स्थापित करना (Establishing Standards)

  • व्यवस्था बनाए रखना(Maintaining

  • विवादों का समाधान (Resolving Disputes)

  • अधिकारों और स्वतंत्रताओं की रक्षा करना (Protecting Rights & Liberties)



◆ विधि के प्रकार (Classification of Laws):-


  • मौलिक या पदार्थ विधि (Substantive Law)


     ― विधि जो अधिकार एवं कर्त्तव्यों की परिभाषा दे, मौलिक विधि कहलाती हैं।


  • Law deals with the rights, duties and liabilities of the parties.


  • Law defines rights or crimes or any status.


Ex- भारतीय संविदा अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, संपत्ति हस्तान्तरण अधिनियम, अपकृत्य विधि इत्यादि।




  • प्रक्रिया या प्रक्रियात्मक विधि (Procedural Law)


― विधि जो कार्यवाही के प्रक्रमों (Procedure) का निर्धारण करते हैं।

कार्यवाही के अंतर्गत सिविल और दांडिक सभी प्रकार की कार्यवाहियां शामिल हैं।


  • Law defines the means and methods to achieve their rights. Outlines the procedure of litigation.


Ex- दंड प्रक्रिया संहिता, सिविल प्रक्रिया संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम इत्यादि।



  • दीवानी/सिविल विधि (Civil Laws)


         ― दीवानी विधि, पारिवारिक विवाद, किराए के मामलों, बिक्री से सम्बंधित विवादों और उसके बाद के विवाद को हल करने की विधि होती हैं। यह मुख्यतः दो पक्षों (व्यक्तियों) के बीच के विवादों को हल करने तथा उनके अधिकारों की रक्षा करने की विधि प्रस्तुत करती हैं।


Ex- वस्तु-विक्रय अधिनियम, साझेदारी अधिनियम आदि।




  • दांडिक/फ़ौजदारी विधि (Criminal Laws)


            ― दांडिक विधि का संबंध व्यक्ति और राज्य के मध्य होता हैं। आपराधिक विधि समाज को सुरक्षा प्रदान करने की विधि हैं। यह अपराधी को सजा देने पर जोर देता हैं, जो हत्या, बालात्कार, चोरी, तस्करी आदि जैसे कार्यों से कानून को भंग करता हैं।


Ex- भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता आदि।



  • लोक विधि (Public/Common Laws)


           ― सभी जाति, धर्म के नागरिकों पर समान रूप से लागू होने वाली विधि, लोक विधि कहलाती हैं।


Ex- भारतीय संविधान, दांडिक विधि (IPC), प्रशासनिक विधि आदि।



  • व्यक्तिगत विधि (Private Laws)


― दो पक्षों (व्यक्तियों,कंपनियों, संस्थाओं) के बीच लागू होने वाली विधि, व्यक्तिक विधि के अंतर्गत आती हैं।


Ex- भारतीय संविदा अधिनियम, अपकृत्य विधि, श्रम विधि इत्यादि।




  • व्यक्तिक/धर्म विधि (Personal Laws)


           ― यह एक धार्मिक विधि होती हैं, जो किसी विशेष धर्म, सम्प्रदाय के लोगों पर लागू होती हैं। विभिन्न धर्मों के अपने कुछ व्यक्तिक नियम होते हैं, जिसके माध्यम से वे नियमित होते हैं।


Ex- पारिवारिक विधि (हिंदु विधि, मुस्लिम विधि) आदि।


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