सियासत

 मुज़रिम निर्दोष बना दिए जाएंगे

सब के सब सबूत मिटा दिए जाएंगे


फिर न मिलेंगें तुझसे वोट मांगने वाले 

नेता बनते ही पहरे लगा दिए जाएंगे


गुंडों को शहर से ख़तम करने के लिए 

चुन-चुन के सबको नेता बना दिए जाएंगे


जनता पे पैसा किफायत से ख़र्च होगा 

मुजस्समों(प्रतिमा) पे करोड़ों उड़ा दिए जाएंगे


एक दो पेड़ न कटेगें शहरीकरण के लिए

जंगल के जंगल ही जला दिए जाएंगे


मार दिए जायेंगे भूख़ और गरीबी से 

पिछड़े लोग कुछ यूं ऊपर उठा दिए जाएंगे


सालाना जश्न होंगे नेताओं के जन्मदिन पे

चंद दिनों में शहीद भुला दिए जाएंगे


ये सियासत के तमाशे जब शुरू होंगें 

जनता के लिए पर्दे गिरा दिए जाएंगे


सम्राट, तुम जैसों की आवाज़ दबाकर.. 

पूरी कौम नपुंसक बना दिए जाएंगे.."



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